स्माइली फिल्म्स की अनेक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित बच्चों के लिए बनायी गयी फिल्म “चिड़िया” का आज दिनांक 2 अगस्त को सुबह 11:45 बजे स्थानीय रीजेंट सिनेमा में प्रदर्शन हुआ जिसमे विभिन्न विद्यालयों के करीब 350 से ज्यादा बच्चों ने देखा और बहुत पसंद किया। इसका आयोजन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम द्वारा किया गया था। इस अवसर पर इस फिल्म के साउंड डिज़ाइनर श्री शहाब आलम का सम्मान किया गया।
फिल्म “चिड़िया” के इस प्रदर्शन पर मुख्य अतिथि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार ने बच्चों के साथ घुलमिलकर देर तक बातचीत की जिसे बच्चों ने खूब एन्जॉय किया। उन्होंने बच्चों को आइंस्टीन की याद दिलाते हुए कहा कि “हम तब तक नहीं हारते जब तक कोशिश करना नहीं छोड़ देते।” उन्होंने स्वामी विवेकानद जी का सन्देश सुनाया “उठो, जागो और तब तक चलते रहो जब तक तुम्हारा लक्ष्य न मिल जाए” ऐसे महान जीवन-सन्देश देने वाली फिल्म है “चिड़िया” और इसी लिए बच्चों को दिखाने के लिए इस फिल्म का चुनाव किया गया है।
फिल्म निगम के फिल्म-कंसल्टेंट श्री अरविन्द रंजन दास ने बताया कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम ने इस दौरान बच्चों, महिलाओं तथा सामाजिक सरोकारों से जुडी संदेशात्मक फिल्मों के नियमित प्रदर्शन से राज्य में एक रचनात्मक माहौल तैयार करने का आंदोलन चला रखा है। इसके तहत फिल्म शिक्षा वर्कशॉप, फिल्म उद्योग के विकास हेतु समस्याओं के समाधान पर परिचर्चा ‘सिने संवाद’, बिहार की संस्कृति से जुडी फिल्मों का नियमित प्रदर्शन ‘कॉफ़ी विथ फिल्म” जैसे कई कार्यक्रम चला रखे हैं जिसे भारी संख्या में जन-समर्थन मिल रहा है और बिहार में फिल्म उद्योग के चहुमुंखी विकास की ओर मजबूत कदम उठाये जा रहे है।
फिल्म “चिड़िया” के निर्देशक हैं महराम अमरोही और निर्माता हैं फखरुल हुसैनी, सुधीर कोल्टे, विनीत रुकारी, अकबर हुसैनी , आरिफ खान, इफ्तखार अमरोही, पियूष दुगड़ और महराम अमरोही। फिल्म के मुख्य कलाकार हैं विनय पाठक, अमृता सुभाष, इनामुल हक़, स्वर कांबले और आयुष पाठक। बच्चों ने फिल्म के साथ अल्पाहार का भी लुत्फ़ उठाया। बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा प्रिया कुमारी ने कहा, बहुत कूल फिल्म थी। देखकर लगता है कि हम मिहनत करें तो अपने सारे सपने पूरे कर सकते हैं। पटना कॉलेजिएट की छात्रा हयात पूरिया का कहना था कि इस आयोजन से उसे पहली बार थिएटर में आकर फिल्म देखने का मौका मिला है और वो भी इतनी प्यारी फिल्म, वो बहुत खुश हैI बी एन कॉलेजिएट स्कूल के छात्र ईशान का कहना था कि बच्चों के लिए ऐसी सुन्दर फिल्मे बनायी और दिखाई जानी चाहिए।





